दिनदहाड़े घर में घुसकर एक सिरफिरे ने दंपति को चाकुओं से गोदा - हालत नाजुक, आरोपी मरणासन्न

घटनास्थल पर पहुंचे एसीपी चकेरी अमरनाथ यादव और प्रभारी निरीक्षक अशोक दुबे भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पूछताछ में प्रथम दृष्टया महिला के आरोपी से अवैध संबंधों की बात सामने आई है। तीनों के होश आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

दिनदहाड़े घर में घुसकर एक सिरफिरे ने दंपति को चाकुओं से गोदा - हालत नाजुक, आरोपी मरणासन्न
आरोपी मरणासन्न

कानपुर :  चकेरी थानाक्षेत्र में दिनदहाड़े घर में घुसकर एक सिरफिरे ने पति-पत्नी को चाकुओं से गोदकर लहूलुहान कर दिया। इस दौरान शोर शराबा सुनकर आसपास के लोगों ने वारदात को अंजाम देकर भाग रहे आरोपी को पकड़कर पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नाजुक हालत में तीनों को कांशीराम अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को हैलट अस्पताल रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार पति का गला रेता गया है, वहीं पत्नी के सिर व शरीर पर कई वार किए गए हैं। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्यता जांच में अवैध सबंध की बात सामने आई है। तीनों के होश आने के बाद ही कुछ स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। 

चकेरी के गांधीग्राम के रहने वाले जितेंद्र दीक्षित के मकान में मूलरूप से जिला फतेहपुर के जाफरगंज निवासी 48 वर्षीय लक्ष्मी नारायण गुप्ता चार वर्ष से किराए पर रहते हैं। उनके साथ पत्नी 45 वर्षीय मंजू गुप्ता और इकलौता बेटा 19 वर्षीय युवराज उर्फ शिवा रहता है। वहीं, दूसरे तल पर मकान मालिक जितेंद्र अपनी पत्नी कल्पना और तीसरे तल पर मूलरूप से जिला बलिया निवासी रामू सैनी परिवार के साथ रहते हैं। गुरुवार दोपहर लक्ष्मी नारायण की पत्नी मंजू घर पर अकेली थीं। इस दौरान आरोपी सिरफिरा गांधीग्राम निवासी हेमंत कुमार गौतम इनके घर पहुंचा। तभी पीछे से खाना खाने के लिए पति लक्ष्मी नारायण गुप्ता भी घर पहुंच गए।

मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि इस दौरान उनके कमरे से तेज-तेज शोर मचने लगा। उन्होंने पुलिस को बताया कि पहले उन्हें पति-पत्नी के रोजाना होने वाला विवाद लगा। इसलिए वह अपने कमरे में चले गए। इसके कुछ ही देर बाद गर्दन और शरीर से तेजी से रिसते खून से लथपथ लक्ष्मीनारायण गुप्ता शोर मचाते हुए बाहर निकले। जिस पर वह बाहर भागे जहां उनकी दशा देखकर होश उड़ गए। पुलिस को बताया कि कमरे से हाथ में खून से सनी चाकू लिए आरोपी सिरफिरा हेमंत कुमार गौतम खड़ा था। किसी तरह डंडा उठाकर लक्ष्मीनारायण की जान की जान बचाई। कमरे में मंजू गुप्ता को आरोपी इससे पहले चाकुओं से सिर व शरीर पर ताबड़तोड़ प्रहार कर चुका था। लहूलुहान अवस्था में वह भी पड़ी हुई थीं। वारदात को देखते हुए इलाकाई लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने आरोपी हेमंत को किसी तरह पकड़ा इसके बाद सिपर पर लाठी डंडे से पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया। घर के बाहर आरोपी को फेंककर इलाके के लोग भाग खड़े हुए। वारदात में घायलों को बचाने में किराएदार रामू सैनी के भी चाकू से घायल होने की बात कही जा रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल कर तीनों को नाजुक हालत में अस्पताल पहुंचाया।

मकान मालिक के अनुसार वारदात के बाद आरोपी हेमंत पर किसी तरह काबू में पाया गया। काफी नशे में होने की बात सामने आ रही है। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को कांशीराम अस्पताल पहुंचाया, जहां से गंभीर हालत में सभी को हैलट भेजा गया। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे एसीपी चकेरी अमरनाथ यादव और प्रभारी निरीक्षक अशोक दुबे भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पूछताछ में प्रथम दृष्टया महिला के आरोपी से अवैध संबंधों की बात सामने आई है। तीनों के होश आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

चकेरी पुलिस का कहना है, कि मामले में एक-एक बिंदु की जांच की जा रही है। घटना में घायल लक्ष्मी नारायण गुप्ता पोखरपुर स्थित एक दाल मिल में मजदूरी करते हैं। इनका इकलौता बेटा युवराज उर्फ शिवा स्क्रैप फैक्ट्री में कटिंग का काम करता है। घटना के दौरान बेटा घर पर नहीं था। घटना की जानकारी के बाद वह हैलट पहुंचा। जहां खून से लथपथ माता-पिता को देखकर उसके होश उड़ गए। डॉक्टरों ने उसे दोनों की हालत नाजुक बताई है।

मीडियाकर्मियों के सवाल का बेटे शिवा ने एक भी जवाब ठीक से नहीं दिया। वह घर में चल रही चीजों को छिपा रहा था। उसने यह बताया कि हेमंत कुमार को वह चाचा कहता था। क्योंकि वह लोग जितेंद्र दीक्षित के मकान में रहने से पांच साल पहले उनके मकान में ही किराए पर रहते थे। इसलिए उनसे नजदीकियां बढ़ गईं थी। इतने बड़ी वारदात को अंजाम देने के पीछे की बात पर उसने चुप्पी साध ली।